न्यूयार्क, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। पर्यावरण संरक्षण के लिए वित्त जुटाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दृष्टि से प्राकृतिक पर्यावरण की सैर यानी इकोटूरिज्म (पर्यावरणीय पर्यटन) से वन्य जीवों के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है। पत्रिका ‘ट्रेंड्स इन इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है।
अमेरिका में लॉस एंजेलिस की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के इकोलॉजी और इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के प्राध्यापक व प्रमुख शोधकर्ता डेनियल ब्लमस्टीन के मुताबिक, मनुष्यों की मौजूदगी से जीवों के व्यवहार में बदलाव आता है। इन बदलावों के चलते वे शिकारियों का आसान शिकार बन सकते हैं।
डेनियल का कहना है कि जंगली जीव इंसानों से सौम्य व्यवहार करते हैं और धीरे-धीरे वे अपनी सुरक्षा के प्रति बेपरवाह होने लगते हैं।
इकोटूरिज्म जंगली जानवरों को किस प्रकार प्रभावित कर रहा है, यह जानने के लिए जीव वैज्ञानिकों ने 100 से ज्यादा शोधों का विश्लेषण किया।
मनुष्यों की मौजूदगी में जानवर जब सामान्य रहना सीख जाते हैं तो वे अन्य स्थितियों में भी निर्भीक रहना सीख जाते हैं। ऐसे में जब इनका सामना किसी परभक्षी से होता है, तब इनके शिकार की संभावना बढ़ जाती है।
शोध में कहा गया है कि मनुष्यों की मौजूदगी के कारण इन जीवों के परभक्षी भी शिकार के लिए नहीं आते, जिस कारण छोटे जीव सुरक्षित महसूस करने लगते हैं और ज्यादा निर्भीक होते जाते हैं।
मनुष्यों से मेलजोल की वजह से लंबे समय के बाद विभिन्न जीवों के व्यवहार में काफी बदलाव आ सकता है।
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, “अगर पर्यटकों की बढ़ती मौजूदगी के चलते पर्यटकों के अनुसार, जीवों की अपनी आदतों में बदलाव जारी रहता है तो इसका अर्थ यह है कि हम ऐसे व्यवहार को बढ़ावा दे रहे हैं जिनके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।”
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, “इकोटूरिज्म का प्रभाव जंगली जीवों को पालतू बनाने और उनका शहरीकरण करने जैसा ही है।”