भोपाल, 5 अगस्त (आईएएनएस)। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आलोक अग्रवाल का आरोप है कि इंदिरा सागर बांध के जलस्तर को समय से पहले अधिकतम स्तर तक भरे जाने की वजह से नर्मदा नदी का पानी बांध में न जाकर वापस लौटा और वह हरदा जिले की काली माचक नदी को उफान पर ले आया, जिससे पानी रेलवे पुल तक पहुंच गया। रेल हादसे की वजह सरकार की लापरवाही और मनमानी है।
पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेलखंड के हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेलवे स्टेशन के बीच मंगलवार की देर रात को काली माचक नदी के पुल पर मुम्बई-वाराणसी (गाड़ी संख्या 11071) कामायनी एक्सप्रेस और राजेंद्र नगर पटना-मुम्बई (गाड़ी संख्या 13201) जनता एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई। इस हादसे में 27 यात्रियों की मौत हुई है। कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
आप के प्रवक्ता अग्रवाल ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि बांधों को भरे जाने के मेनुअल का हवाला देते हुए कहा कि इंदिरा सागर बांध नर्मदा नदी पर स्थित है और उसे 31 अगस्त तक 258 मीटर और 30 सितम्बर तक 262 मीटर तक भरा जाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि इसके बावजूद बांध को मंगलवार की रात को 261 मीटर तक भर दिया गया। वहीं बारिश के चलते नर्मदा का जलस्तर बढ़ा और पानी बांध में नहीं जा सका, और पानी नर्मदा नदी में लगातार बढ़ा। इसका नतीजा यह हुआ कि नर्मदा का पानी हरदा जिले के खेतों में भरता हुआ छोटी नदियों तक आ गया। काली माचक नदी का जलस्तर भी बढ़ा और रेल पुल को डुबो दिया। साथ ही मिट्टी में कटाव कर दिया ।
अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस हादसे की वजह सरकार की नीति है।
अग्रवाल ने कहा कि उनके पास जो जानकारी है उसके मुताबिक समय से पहले बांध को 261 मीटर तक भरा जाना अपराध है। उनका आरोप है कि हादसे की जानकारी मिलने के बाद इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़ दिया गया, यही कारण है कि जिस स्थान पर हादसा हुआ है, वहां 14 घंटे बाद पानी का जलस्तर एकदम कम हो गया है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पत्रकारों ने बांध में पानी भरने और छोड़ने को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था कि ऐसा नहीं है, बल्कि अतिवृष्टि के चलते पानी रेल पटरी के नीचे की मिट्टी को बहा ले गया। रेल हादसा भी इसी वजह से हुआ है।