जोधपुर, 20 जून (आईएएनएस)। राजस्थान में जोधपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को यौन दुष्कर्म मामले में आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी।
जिला न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया।
आसाराम सितंबर 2013 से ही जेल में बंद हैं।
शिकायतकर्ता के वकील पी. सी. सोलंकी ने कहा, “हमने अदालत से जिन हालातों में अपराध हुआ है, उस पर ध्यान देने का आग्रह किया। अदालत ने समस्त स्थितियों पर विचार करने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को अदालत में आसाराम का पक्ष रखा और उन्हें निर्दोष बताया। स्वामी ने कहा कि आरोप-पत्र में तथ्य नहीं हैं और यह पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है।
जिला न्यायाधीश ने शुक्रवार को लगभग एक घंटे तक जिरह सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर में उनके आश्रम से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया था। वह दो सितंबर, 2013 से जोधपुर केंद्रीय कारावास में बंद हैं।
आसाराम पर 16 साल की एक किशोरी ने जोधपुर के नजदीक एक आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था और इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।