Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 आलोक शर्मा का व्यवहार नहीं ठीक- नागरिकों ने शंका जताई चाय पर चर्चा में | dharmpath.com

Wednesday , 27 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » राज्य का पन्ना » आलोक शर्मा का व्यवहार नहीं ठीक- नागरिकों ने शंका जताई चाय पर चर्चा में

आलोक शर्मा का व्यवहार नहीं ठीक- नागरिकों ने शंका जताई चाय पर चर्चा में

January 26, 2015 9:06 am by: Category: राज्य का पन्ना Comments Off on आलोक शर्मा का व्यवहार नहीं ठीक- नागरिकों ने शंका जताई चाय पर चर्चा में A+ / A-

10923569_810352485697568_5684406195676452670_nअनिल सिंह-(भोपाल)भोपाल में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन में भोपाल के बुद्धिजीवियों की एक परिचर्चा आयोजित की,यह परिचर्चा होटल पलाश में चाय पर चर्चा के रूप में रखी गयी.चूंकि यह चर्चा भोपाल के विकास के लिए चुनने वाले महापौर प्रत्याशी के लिए महत्वपूर्ण थी अतः पत्रकारों ने भी निर्णय लिया की इस चर्चा में बिना आमंत्रण के भी पहुंचेंगे क्योंकि मामला भोपाल का है और हम भी इसमें निवास करते हैं जबकि आयोजक जो मीडिया से जुड़े हुए हैं वे पत्रकारों को बुद्धिजीवी वर्ग का न मानकर उन्हें चर्चा से दूर रखना चाहते थे.

हम इसे विस्तृत रूप में इसलिए प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके.इस चर्चा का मंथन क्या निकला,क्या वास्तव में यह चर्चा विशुद्ध भोपाल की चिंता के लिए थी या हार का डर लिए भाजपा महापौर प्रत्याशी के संबल को बढाने के लिए थी यह मंथन में सामने आया.

इस चर्चा में भाजपा अध्यक्ष,भोपाल के सांसद,मीडिया मेनेजर शामिल और भोपाल के धनी व्यापारी बुद्धिजीवी आमंत्रित थे.पत्रकारों को इससे दूर रखा गया था लेकिन भोपाल के विकास की चिंता लिए पत्रकार बंधु बिना बुलाये उस चर्चा में घुस गए,हडबडाये संचालक ने मजबूरन शर्मिंदगी व्यक्त की और पत्रकारों का स्वागत इस चर्चा के लिए किया.

इसमें रिटायर्ड अधिकारी पुखराज मारू ने जल-मल प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था के लिए आवाज उठायी,व्यापारी सुशील बाफना ने हमीदिया रोड पर अव्यवस्थित यातायात की समस्या से रूबरू करवाया,सर्वेश अग्रवाल को खुले में शौच नहीं भाता है,तो वहीँ एके मिश्र रोड खोदने की निगम की आदतों से व्यथित दिखे.

सुरेन्द्र तिवारी जी ने बिल्डरों के लिए बनाई कालोनियों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की हिमायत की,हिंदी थियेटर को सुविधाएं देने की बात भी सामने आई,चुने जाने के बाद पार्षदों का न मिलना,भोपाल को अन्तराष्ट्रीय मंच पर कोई नहीं पहचानता यह बात भी सामने आई.

मुद्दे की बात रखी एक नागरिक ने जो भाजपा महापौर प्रत्याशी आलोक शर्मा के व्यवहार को लेकर सशंकित दिखे,उनका कहना था की आलोक नम्र नहीं हैं और इस रूप में प्रत्याशी हम पर थोपा गया है.महोदय ने आगे यह भी कहा की हमें भयमुक्त वातावरण भोपाल में चाहिए.

वर्तमान गृहमंत्री बाबूलाल गौर की व्यवस्था की सभी ने खूब लानत-मलामत की,आनन्-फानन में रखी गयी इस चर्चा में सुशासन न होना,विकास के लिए नेताओं में जज्बा नहीं होना सामने आया.आयोजक पत्रकारों के पहुंच जाने से हद्बदाये नजर आये.मोदी जी की स्टाईल में की गयी बुद्धिजीवियों की इस चर्चा में प्रशासन की लोगों ने खूब छीछालेदर की.

क्यों रखी गयी यह चर्चा?

चुनाव के ऐन पहले रखी गयी इस चर्चा के मायने जब निकल कर आये तो पता चला की मुख्यमंत्री की जिद पर आलोक शर्मा को प्रत्याशी तो घोषित कर दिया गया लेकिन अब जीत और हार मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा का विषय बन गयी है,मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह चर्चा भाजपा के खर्च पर आयोजित की गयी.भाजपा को गुप्तचर सूत्रों ने खबर दी की आलोक शर्मा के विरोध में माहोल बना हुआ है,भीतरघात भी एक बड़ी समस्या है इसे देखते हुए मुख्यमंत्री को सपत्निक भोपाल की गलियों में उतरना पड़ा.संगठन अभी तक की जीत को देखते हुए आलोक शर्मा की जीत को आसान मान कर चल रहा था लेकिन अब ऐन समय पर जनता में प्रत्याशी के खिलाफ माहोल बनने से चिंता में आना स्वाभाविक ही है.

आयोजकों ने बताया की इस चर्चा में आने वाले बिदुओं को मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा जो मतदान की तारीख आने तक भी घोषित किया नहीं जा सका है.

इस चर्चा में मुख्य बिंदु उन डाक्टरों का शामिल होना था जो वर्षों से अवैध नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं,नर्मदा अस्पताल के संचालक राजेश शर्मा को इस चर्चा में आमंत्रित किया गया और वे माइक ले कर बोले भी क्योंकि इन्हीं डाक्टरों का दबाव भाजपा शासन पर अवैध-नर्सिंग होम्स को जबरन वैध जामा पहनाने का है,जिसे सत्ता पलक-पांवड़े बिछा कर करने के प्रयास में भी है. चुनाव के ऐन पहले रखी गयी इस चर्चा के मायने जब निकल कर आये तो पता चला की मुख्यमंत्री की जिद पर आलोक शर्मा को प्रत्याशी तो घोषित कर दिया गया लेकिन अब जीत और हार मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा का विषय बन गयी है,मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह चर्चा भाजपा के खर्च पर आयोजित की गयी.भाजपा को गुप्तचर सूत्रों ने खबर दी की आलोक शर्मा के विरोध में माहोल बना हुआ है,भीतरघात भी एक बड़ी समस्या है इसे देखते हुए मुख्यमंत्री को सपत्निक भोपाल की गलियों में उतरना पड़ा.संगठन अभी तक की जीत को देखते हुए आलोक शर्मा की जीत को आसान मान कर चल रहा था लेकिन अब ऐन समय पर जनता में प्रत्याशी के खिलाफ माहोल बनने से चिंता में आना स्वाभाविक ही है.

आलोक शर्मा का व्यवहार नहीं ठीक- नागरिकों ने शंका जताई चाय पर चर्चा में Reviewed by on . अनिल सिंह-(भोपाल)भोपाल में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन में भोपाल के बुद्धिजीवियों की एक परिचर्चा आयोजित की,यह परिचर्चा ह अनिल सिंह-(भोपाल)भोपाल में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन में भोपाल के बुद्धिजीवियों की एक परिचर्चा आयोजित की,यह परिचर्चा ह Rating: 0
scroll to top