नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। पूर्वाचल समाज की प्रमुख संस्था समाजिक व सांस्कृतिक संस्था मिथिलालोक फाउंडेशन ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आर.के. झा को भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर निराशा जताई है। उधर, आर.के. झा को पूर्वी दिल्ली से भाजपा का उम्मीदवार बनाने की मांग करने वाले ऑटोरिक्शा-टैक्सी चालक संघों ने अलग-अगल प्रतिक्रियाएं दी हैं।
मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. बीरबल झा ने कहा कि भाजपा ने आर.के. झा को प्रत्याशी नहीं बना कर क्षेत्र के पूर्वांचली मतदाताओं को निराश किया है।
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोटर्स कांग्रेस यूनियन के प्रेसिडेंट किशन वर्मा ने आईएएनएस को बताया कि झा को टिकट नहीं मिलने से ऑटो-टैक्सी चालक निराश हैं और उन्हें अब सोचना पड़ेगा कि उनकी भलाई के लिए कौन काम कर सकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाना चाहिए जो जमीनी हकीकत को जानते हैं और लोगों के दुखदर्द का साथी बने रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि उनका झुकाव किस ओर है।
वहीं, ऑटोरिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने कहा कि वह चाहते थे कि आर. के. झा को भाजपा का टिकट मिले क्योंकि उन्होंने ऑटो-टैक्सी चालकों के हितों में काम किया है, लेकिन अब पार्टी ने जो फैसला लिया है वह उस पर टिप्पणी नहीं करेंगे, बल्कि पार्टी के प्रत्याशी को जिताने का काम करेंगे।
सोनी ने कहा कि भाजपा ने उनके के लिए काम किया है इसलिए वह पार्टी के फैसले से सहमत हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर को अपना प्रत्याशी बनाया है। लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट से भाजपा के महेश गिरी जीते थे।
डॉ. बीरबल झा ने कहा कि अगर आर.के. झा को टिकट मिलता तो भाजपा की जीत पक्की थी क्योंकि इस क्षेत्र में पूर्वांचलियों खासतौर से मिथिला क्षेत्र के लोगों की एक बड़ी आबादी है, जो चुनाव जिताने में निर्णायक साबित होती।
डॉ. बीरबल को मिथिला संस्कृति के प्रतीक पाग पर डाक टिकट जारी करवाने का श्रेय दिया जाता है क्योंकि उन्होंने पाग बचाओ आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा, “दल्ली-एनसीआर में 80 लाख प्रवासी मैथिल निवास करते हैं जिनका सदन में प्रतिनिधित्व होना चाहिए। दिल्ली में भाजपा को पिछले चुनाव में दिल्ली की सातों संसदीय सीटों पर जीत दिलाने में पूर्वांचली मतदाताओं का अहम योगदान था, लेकिन इस बार उनमें निराशा है।”
एडिशनल विजिलेंस कमिश्नर पद से सेवानिवृत्त हुए 61 वर्षीय आर. के. झा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में ऑटोरिक्शा और टैक्सी चालकों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस के ट्रैफिक विभाग में रहते हुए उन्होंने इन लोगों की भलाई के लिए काम किया था।
उधर, आर.के. झा से संपर्क करने पर उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई भारतीय प्राइवेट ट्रांसपोर्टर मजदूर महासंघ के चेयरमैन आर. के. झा पिछले दिनों आटो-टैक्सी चालकों, रेहड़ी-पटरी वालों एवं मजदूर वर्ग के हितों को उठाते हुए मुखर रहे हैं। बीते दिनों केजरीवाल सरकार की कई खामियां गिनाने को लेकर वह चर्चा में रहे हैं, जिसके बाद उनको भाजपा से टिकट दिए जाने की मांग जोरदार तरीके से उठने लगी थी।