मुंबई, 30 अगस्त (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह प्रमुख आर्थिक आंकड़े, रुपये की दिशा, अमेरिका में दर बढ़ने की संभावना और मानसून की प्रगति तथा वैश्विक संकेतों पर निवेशकों की नजर टिकी रहेगी।
मुंबई, 30 अगस्त (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह प्रमुख आर्थिक आंकड़े, रुपये की दिशा, अमेरिका में दर बढ़ने की संभावना और मानसून की प्रगति तथा वैश्विक संकेतों पर निवेशकों की नजर टिकी रहेगी।
अगले सप्ताह निवेशकों की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझानों और तेल की कीमतों पर बनी रहेगी।
जियोजित बीएनपी पारिबा के तकनीकी शोध विभाग के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने आईएएनएस से कहा, “अगले सप्ताह जारी होने वाले जीडीपी और पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़े का बाजार पर प्रभाव पड़ेगा।”
गुरुवार और शुक्रवार को सेंसेक्स में 600 अंकों से अधिक की तेजी के बाद निवेशक ऊंचे स्तर पर कुछ मुनाफा वसूली कर सकते हैं, जिससे बाजार पर नीचे की ओर दबाव बना रह सकता है।
सरकार सोमवार (31 अगस्त) को मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही की विकास दर के आंकड़े जारी करेगी। गत वर्ष की चौथी तिमाही में विकास दर 7.5 फीसदी रही थी।
आगामी सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों का ध्यान टिका रहेगा, जो अगस्त महीने की बिक्री के आंकड़े मंगलवार एक सितंबर से जारी करने शुरू करेंगे।
आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह तेल विपणन कंपनियों पर भी रहेगी, जो तेल मूल्यों की समीक्षा करेंगी। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और अंत में गत दो सप्ताह के आयातित तेल मूल्यों के आधार पर यह समीक्षा करती हैं। तेल कंपनियां हर महीने के अंत में गत एक महीने के आयात मूल्य के आधार पर विमान ईंधन मूल्य की भी समीक्षा करती हैं।
अगले हफ्ते बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी, जिसका खाद्य कीमतों और ग्रामीण क्षेत्रों की आय पर महत्वपूर्ण असर होगा। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर होती है।
अमेरिका में शुक्रवार (4 सितंबर) को अगस्त महीने के गैर कृषि रोजगार आंकड़े जारी होंगे।
जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “आगामी सप्ताह वैश्विक रुझानों से भी शेयर बाजार प्रभावित होंगे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल होंगे अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि से संबंधित संकेत और चीन की अर्थव्यवस्था का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।”
अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व 16-17 सितंबर की बैठक में दर बढ़ाने से संबंधित घोषणा कर सकता है, जो करीब एक दशक से लगभग शून्य पर बनी हुई है।
अमेरिका से पिछले कुछ समय से आ रहे सकारात्मक आंकड़ों से दर बढ़ाने की संभावना प्रबल हो गई है।
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से निवेशक भारत सहित सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पैसा बाहर निकाल सकते हैं। कंपनियों के लिए भी अमेरिका से कर्ज हासिल करना महंगा हो जाएगा।
जेम्स ने कहा, “मानसूनी बारिश औसत से 12 फीसदी कम रहने के बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दर घटाए जाने की संभावना बढ़ी है।”
आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने हाल ही में कहा था कि दर घटाए जाने की संभावना खत्म नहीं हुई है। आगे जो कुछ भी किया जाएगा, वह आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा।