मुंबई, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केवाईसी (नो योर कस्टमर) के बारे में अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए इससे जुड़े बैंकों के कदाचार को रोकने के लिए इन दिशानिर्देशों पर स्पष्टीकरण जारी किया है।
आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, “अगर आपका वर्तमान पता वह नहीं है, जिसका सबूत आपने बैंक खाता खोलते समय बैंक को दिया था, तो नए पते की एक सरल घोषणा करना पर्याप्त है।”
इसमें कहा गया है कि बिना किसी ‘पहचान पत्र और पते के प्रमाण पत्र’ के भी बैंक में बचत खाता खोला जा सकता है, जिसे ‘स्मॉल अकाउंट’ कहा जाएगा। इसके लिए एक नवीनतम फोटोग्राफ और हस्ताक्षर देना होगा। इस खाते में 50,000 रुपये तक का बैलेंस रखा जा सकता है और हर महीने 10,000 रुपये तक निकाले जा सकते हैं और किसी एक वित्तीय वर्ष में कुल एक लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
इसमें आगे कहा गया है कि बैंक को केवाईसी दस्तावेजों को केवल 2,8 और 10 साल में ही दोबारा मांगने की अनुमति है और वह भी खाताधारक के जोखिम प्रोफाइल को देखते हुए।
वहीं, केवाईसी के लिए एक पहचान पत्र और पते के सबूत की जरूरत होगी। साथ ही एक हाल का फोटोग्राफ होना चाहिए। यह किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए पर्याप्त है।
शीर्ष बैंक ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) का कार्ड पते का सबूत और पहचान पत्र दोनों का काम करेंगे।
आरबीआई द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केवाईसी प्रक्रिया में किसी किस्म की परेशानी की शिकायत बैंक से की जा सकती है और अगर कोई बैंक के जबाव से असंतुष्ट है तो सीधे आरबीआई के बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत की जा सकती है।