नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। सरकार ने एपी शाह समिति की अवधि तीन माह के लिए बढ़ा दी।
एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि समिति केजी बेसिन में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के ब्लॉक से गैस का स्थानांतरण रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के पड़ोसी फील्ड में होने से संबंधित मामले को देख रही है।
सूत्र ने कहा कि समिति को इस मामले में हुई भूल-चूक और ओएनजीसी को देय मुआवजे पर 31 जुल्बाई तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
सूत्र ने कहा कि अवधि का विस्तार जरूरी था, क्योंकि आरआईएल और उसकी साझेदार कंपनी निको ने भारी-भरकम आंकड़े जमा किए हैं।
उन्होंने कहा, “समिति ने अवधि विस्तार की मांग की थी।” उन्होंने बताया कि आरआईएल और उसके कंसोर्टियम की साझेदार कनाडा की कंपनी निको रिसोर्सेज ने विशाल आंकड़े के साथ अपना जवाब 19 फरवरी को दाखिल किया था, इसलिए समित को इसका अध्ययन करने के लिए और अधिक समय की जरूरत थी।
सरकार ने ओएनजीसी को दिए जाने वाले मुआवजे की सिफारिश करने के लिए गत वर्ष दिसंबर में विधि आयोग अध्यक्ष एपी शाह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। इससे पहले अमेरिकी परामर्श कंपनी डीगोलियर एंड मैकनॉटंस (डीएंडएम) ने एक रिपोर्ट में कहा था कि ओएनजीसी के बंगाल की खाड़ी में स्थित ब्लॉक से गैस पास के आरआईएल के फील्ड में स्थानांतरित हो गया है।