विक्रम संवत के दूसरे माह वैशाख को शास्त्रों में अत्यधिक महत्व दिया गया है। ज्योतिषी गणना के अनुसार, वैशाख मास में ग्रहों के राजा सूर्य अपनी उच्च राशि में होते हैं और सूर्य का मेष राशि में होना सभी तरह के ग्रह दोषों को समाप्त कर देता है। वैशाख मास में दो महत्वपूर्ण योग आयुष्मान और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। ऐसी मान्यता है कि सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले इन योगों में शुरू किए जाने वाले कार्यो में सफलता अवश्य मिलती है।
ज्योतिष के अनुसार, वर्ष 2014 में वैशाख मास गत 16 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू हो चुका है जो अगले माह 14 मई को शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर समाप्त होगा। इस बीच दो अति महत्वपूर्ण योग और एक अक्षय मुहूर्त पड़ेगा। 2 मई को पड़ने वाले अक्षय मुहूर्त (महामुहूर्त) में सैकड़ों लोग विवाह बंधन में बंधेंगे।
ज्योतिष डॉ. दत्तात्रे होस्केरे कहते हैं कि वैशाख मास का पहला योग 29 अप्रैल को अमावस्या तिथि पर बन रहा है। इस दिन मंगलवार व आयुष्मान योग का संयोग है जो पूर्वजों की शांति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस योग में पितृ-शांति के लिए पूजा-पाठ करने व पितरों के नाम से ब्राह्मणों व मंदिरों में दान-दक्षिणा करने से पितृ-शांति होती है और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
दूसरा योग 9 मई को दशमी तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थसिद्धि योग का अर्थ ही है कि सारे तरह के कार्य सफल सिद्ध होते हैं। इस योग में नया व्यापार अथवा नौकरी की शुरुआत करना अति शुभ होगा। इसके अलावा मास के अंतिम दिन 14 मई को पूर्णिमा पर वृष संक्रांति का भी योग बन रहा है। वृष संक्रांति पर दान व तर्पण करना श्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही मानसिक व आत्मिक शांति मिलती है।
रायपुर के पुरोहित पं. मनोज शुक्ला कहते हैं कि वैशाख माह में किए गए धार्मिक कार्य से सैकड़ों गुना फल प्राप्त होते हैं। पद्म पुराण में भी कहा गया है कि वैशाख मास में प्रतिदिन विधिपूर्वक पवित्र नदियों में स्नान करके भगवान विष्णु का पूजन और व्रत व दान करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।
उन्होंने बताया कि शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर गंगाजी की और अष्टमी पर दुर्गा प्रतिमा पर कपूर व जटामासी मिले जल से स्नान करवाकर पूजा करनी चाहिए। पूर्णिमा पर काला तिल मिश्रित जल से स्नान करके काले तिल से हवन करे और तिल व शहद का दान करें। इसके अलावा पूरे माह प्यासों को पानी पिलाएंए चीटिंयों व मछलियों को आटा-गुड़ से बनी गोलियां खिलाएं। गर्मी से बचने गरीब व्यक्ति को पंखा, छाता, जूते, चप्पल का दान अवश्य करना चाहिए।