नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। वित्तीय घाटा कम होने और महंगाई घटने से आगामी वर्षो में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में और कटौती किए जाने का अनुमान है। यह बात बुधवार को संसद में कही गई।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में मध्यावधि व्यय रूपरेखा विवरण पेश करते हुए कहा, “वित्तीय घाटा कम होने और महंगाई का दबाव घटने से आने वाले वर्षो में ब्याज दर घटने की उम्मीद है।”
जेटली ने राज्यसभा में कहा, “सरकार की वित्तीय घाटा कम करने की नीति कर आय बढ़ाने के साथ जुड़ी हुई है। सरकारी कार्यक्रमों के वित्तीयन के लिए जरूरी सुविधा बनाने के लिए भी यह जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून 2015 में औसत थोक महंगाई दर नकारात्मक 2.4 फीसदी रही। उपभोक्ता महंगाई दर 2014-15 में घटकर छह फीसदी रही, जो एक साल पहले 9.5 फीसदी थी। अप्रैल-जून अवधि में औसत उपभोक्ता महंगाई दर 5.1 फीसदी रही।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के बारे में उन्होंने कहा कि यह राज्यसभा में पेश हो चुका है और इसे सरकार ने तैयार नहीं किया है, बल्कि प्रवर समिति ने तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि इसे पेश करने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि प्रवर समिति राज्यसभा को रपट करती है। इसे पेश करना एक औपचारिकता भर थी।
विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश हुआ।
बुधवार को भोजनावकाश के बाद उपसभापति ने इस पर चर्चा करानी चाही, लेकिन हंगामे के बीच उन्हें दिन भर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।