लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर फोन पर धमकाने का आरोप लगाने के बाद निलंबित किए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी अमिताभ ठाकुर मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज न किए जाने के विरोध में गुरुवार को हजरतगंज कोतवाली के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई, 2015 को मुलायम सिंह द्वारा उन्हें फोन पर धमकी दिए जाने की शिकायत की थी। इस पर मुख्य दंडाधिकारी (सीजीएम) सोम प्रभा मिश्रा ने 14 सितंबर को समुचित धाराओं में मुलायम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे। उनके आदेश को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘वफादार’ पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया है। इससे खफा होकर अमिताभ ने गुरुवार को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया।
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस.एन.शुक्ला की पीठ को आश्वस्त किया था कि 30 सितंबर 2015 तक अवश्य एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, लेकिन समय सीमा खत्म होने के बाद 1 अक्टूबर की सुबह भी जब एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तब अमिताभ ने धरने का सहारा लिया।
आईपीएस अमिताभ ने बताया कि बुधवार सुबह उनके आवास पर हजरतगंज के इंस्पेक्टर कृष्णनंदन तिवारी को भेजा गया था। तिवारी ने उन्हें धरने पर बैठने से मना किया, लेकिन वह अड़े रहे। उन्होंने कहा, “धरना देना हमारा संवैधानिक अधिकार है, अदालत के आदेश की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”