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आईएसएस में पहला एक्सपेंडेबल हैबिटेट स्थापित

न्यूयार्क, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। मंगल ग्रह सहित गहन अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने के लिए निर्मित पहला एक्सपेंडेबल हैबिटेट को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में रविवार को स्थापित कर दिया गया।

यह एक्सपेंडेबल स्पेस हैबिटेट एक विशेष उपकरण है, जिसे वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्ष के वातावरण में रहने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसे बिगेलो एक्सपेंडेबल एक्टिविटी मॉड्यूल (बीईएएम) भी कहते हैं।

नासा के हॉस्टन स्थित जॉन्सन स्पेस सेंटर से इंजीनियरों ने बीईएएम को आईएसएस के उच्च तकनीक वाली रोबोट भुजा (उपकरण) की सहायता से मालवाहक स्पेसएक्स ड्रैगन रॉकेट से अलग कर दिया है।

नासा ने एक ब्लॉग में लिखा, इस स्थापना के दौरान अंतरिक्ष केंद्र पृथ्वी की सतह से लगभग 350 किलोमीटर की ऊंचाई पर दक्षिणी प्रशांत महासागर के ऊपर घूम रहा था। यह दो साल की परीक्षण अवधि के लिए स्टेशन से जुड़ा रहेगा।

नासा इस तरह के विभिन्न हैबिटेट (निवास) पर अनुसंधान कर रहा है जो अंतरिक्ष अन्वेषणों के दौरान वैज्ञानिकों को स्वस्थ रख सकते हैं, और बीईएएस इसी तरह का पहला हैबिटेट माड्यूल है, जिसे अंतरिक्ष केंद्र से जोड़ा गया है। यह रॉकेट में कम जगह लेता है, लेकिन अनुसंधान और रहने के लिए यह वैज्ञानिकों को अधिक जगह उपलब्ध कराता है।

अपने पहले परीक्षण में यह वैज्ञानिकों के समक्ष क्रियातंत्र, सौर विकिरण, अंतरिक्ष के मलबे और अंतरिक्ष के घटते-बढ़ते तामपान से सुरक्षित रखने की क्षमता का प्रदर्शन करेगा।

इस बीईएएम मॉड्यूल का संकुचित आकार सात फुट व्यास और आठ फुट लंबा है, जो लगभग फैलने के बाद लगभग 10 फुट व्यास और 13 फुट लंबाई वाला हो जाएगा। मई के अंत तक यह अपने आकार को वर्तमान आकार से पांच गुना अधिक विस्तारित कर लेगा।

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