नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)। आईएमए ने मध्यस्थता, समझौता और शिकायत निबटान प्रकोष्ठ का गठन किया है, जिसकी बैठक हर महीने में दो दिन- पहले और तीसरे शनिवार को होगी।
यह प्रकोष्ठ मरीजों की शिकायतें सुनकर उनका समाधान करेगा। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए. मार्तण्ड पिल्लै और महासचिव पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “मरीजों और डॉक्टरों के बीच होने वाले 90 फीसदी विवाद उनके बीच सही ढंग से संचार न होने की वजह से होते हैं।”
आईएमए ने अपनी सभी 1700 स्थानीय शाखाओं और 30 राज्य शाखाओं को पत्र लिखकर उन्हें अपने राज्य स्तरीय व स्थानीय शाखा में मध्यस्थता, समझौता और शिकायत निबटान प्रकोष्ठ खोलने के लिए कहा है और उन्हें मरीज व डॉक्टर के बीच के विवादों को सुलझाने हेतु महीने में दो दिन बैठक करने का निर्देश दिया गया है।
इस प्रकोष्ठ का गठन डॉक्टरांे व मरीजों के बीच होने वाले विवाद और इनके संबंध में आने वाली शिकायतों के शांतिपूर्ण ढंग से निबटारे के उद्देश्य से किया गया है।
इसके तहत आईएमए को मरीज अथवा उसके रिश्तेदार की ओर से जो भी शिकायत मिलेगी उसे मध्यस्थता, समझौता और शिकायत निबटान प्रकोष्ठ कमिटी के पास भेज दिया जाएगा। कमिटी संबंधित डॉक्टर अथवा आईएमए सदस्य को नोटिस भेजकर मामले में उनका जवाब मांगेगी और आगे की कार्रवाई करेगी।
यह कमिटी एक तैयार किए गए कंसेंट फॉर्म में दोनों पक्षों की सहमति लेकर उनका हस्ताक्षर कराएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तय फैसले पर दोनों पक्ष संतुष्ट हैं अथवा नहीं।
किसी भी शिकायत के मामले में 90 दिनों के भीतर मामले का निबटान किया जाएगा। कमिटी दोनों पक्षों के बीच की शिकायतों का स्वैच्छिक निबटारा करेगी, जिसमें दोनों पक्षों से मामले की तह तक पहुंचने के लिए सहयोग लिया जाएगा, दोनों के बीच गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी, प्रथमिकताएं तय की जाएंगी और मामले के शांतिपूर्ण ढंग से निबटारे के लिए कमिटी की ओर से हर संभव कोशिश की जाएगी, मगर इस सबके बीच किसी भी मामले को अपने स्तर पर निबटाने के लिए कमिटी किसी पर कोई दबाव नहीं बना सकती है।
इस कमिटी में डॉक्टर, एक वकील और समाज का कोई एक प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होगा।