मुंबई, 3 मई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को यहां आगाह किया कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) प्राधिकरण को गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने के केंद्र के निर्णय से न केवल देश को वित्तीय नुकसान होगा, बल्कि मुंबई का महत्व घटाने से अंतर्राष्ट्रीय बदनामी भी होगी।
पवार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि केंद्र के कदम को मुंबई के रणनीतिक महत्व को कमजोर करने वाला माना जाएगा, जिसे देश की वित्तीय राजधानी होने का गौरव प्राप्त है और यहां तक कि इस चकित करने वाले निर्णय से दुनिया भर के वित्तीय संस्थानों को भी आश्चर्य होगा।
पवार ने यह पत्र रविवार को जारी किया है।
उन्होंने कहा है कि कारोबारी समुदाय, बैंकर और वित्तीय संस्थानों के सामान्य मानस में इस तरह का कोई एकीकृत प्राधिकरण स्थापित करने के लिए मुंबई उनकी स्वाभाविक पसंद है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करें।
पवार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 23 अप्रैल तक के ताजा सांख्यिकी डेटा का जिक्र करते हुए कहा है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर के पास 145,00,000 करोड़ रुपये मूल्य का डिपॉजिट है।
पवार ने कहा, “इसमें अकेले महाराष्ट्र का डिपॉजिट 22.8 प्रतिशत है, उसके बाद दिल्ली (10 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (7.8 प्रतिशत), और गुजरात (5.4 प्रतिशत) हैं। खजाने की जरूरत के अनुसार प्रत्येक बैंक को अपने डिपॉजिट का 18 प्रतिशत गवर्नमेंट सिक्युरिटी के रूप में एसएलआर बनाए रखना पड़ता है। इसी सिक्युरिटी के जरिए केंद्र सरकार 26,00,000 करोड़ रुपये के फंड प्राप्त करती है।”
राकांपा प्रमुख ने कहा कि इन फंड में अकेले 5,95,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र से है, जबकि गुजरात का योगदान 1,40,000 करोड़ रुपये है।
पवार ने आगाह किया है, “गवर्नमेंट सिक्युरिटीज में महाराष्ट्र के भारी योगदान के बावजूद आईएफएससी प्राधिकरण को गुजरात में स्थापित करने का निर्णय अहंकारी, गलत और अनुचित है। इसे वित्तीय संस्थानों और बिजनेस हाउसेस को महाराष्ट्र से ले जाने के कदम के रूप में देखा जाएगा और इससे अनावश्यक रूप से राजनीतिक अशांति पैदा होगी।”
राकांपा नेता ने कहा है कि इसके अतिरिक्त मुंबई भारत के जीडीपी के 6.16 प्रतिशत वित्तीय प्रवाह के साथ वैश्विक वित्तीय प्रवाह के मामले में पहले से दुनिया के शीर्ष 10 शीर्ष वाणिज्य केंद्रों में शुमार है। इसका औद्योगिक उत्पादन में योगदान 25 प्रतिशत और भारतीय अर्थव्यवस्था में पूंजी लेनदेन 70 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा है कि शहर में पहले से प्रमुख वित्तीय संस्थान और कई सारी कं पनियों के कॉरपोरेट मुख्यालय हैं और यहां के कारोबारी अवसर वैश्विक एमएनसी को आकर्षित करते हैं।
पवार ने कहा है कि चूंकि आईएफएससी प्राधिकरण देश में आईएफएससी में सभी वित्तीय सेवाओं को नियंत्रित करने वाली एक एकीकृत एजेंसी है, लिहाजा देश की आर्थिक, वित्तीय और वाणिज्यिक राजधानी होने के नाते मुंबई आईएफएससी को रिलोकेट करने का सर्वश्रेष्ठ विकल्प और स्थान है।
पवार ने अंत में कहा है, “प्रिय प्रधानमंत्री, आपने अपने दृष्टिकोण, बुद्धिमत्ता, सूक्ष्मदर्शिता और राजनीतिक कौशल से विश्व मंच पर अपनी छाप छोड़ी है। मैं उम्मीद करता हूं कि आप स्टेट पॉलिटिक्स को दरकिनार कर इसे एक राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा समझेंगे और एक समझदारीपूर्ण न्यायोचित निर्णय लेंगे। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आईएफएससी को गुजरात ले जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे मेरिट के आधार पर मुंबई रिलोकेट करें।”