मुंबई– मुंबई पुलिस ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए एकत्रित की गई 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि में कथित अनियमितता को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया है.
एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि उपनगर मनखुर्द में ट्रॉम्बे पुलिस थाने में बुधवार (छह अप्रैल) शाम को सेना के 53 वर्षीय पूर्व कर्मचारी बबन भोंसले की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
आरोपों को खारिज करते हुए किरीट सोमैया ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि ‘सेव आईएनएस विक्रांत’ अभियान के तहत एकत्रित निधि का दुरुपयोग नहीं किया गया और कहा कि वह अपने खिलाफ किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं.
आईएनएस विक्रांत को 1961 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था और वह खास श्रेणी का विमानवाहक पोत है. उसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान के नौसैन्य अवरोध में अहम भूमिका निभायी थी. जनवरी 2014 में इस जहाज को एक ऑनलाइन नीलामी के जरिए बेच दिया गया था और बाद में इसे ध्वस्त कर दिया गया.
शिकायतकर्ता ने कहा कि सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए निधि एकत्रित करने का एक अभियान चलाया.
उन्होंने बताया कि उन्होंने जहाज को बचाने के लिए सोमैया को दान दिया था और भाजपा नेता ने इस मकसद के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि जुटाई. महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में इस निधि को जमा कराने के बजाय उन्होंने इसमें अनियमितता की.
भोंसले ने अपनी शिकायत में कहा, ‘इस युद्धपोत ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी, इसलिए जब इसे बचाने के प्रयास शुरू हुए तो मैंने इस मकसद के लिए कुछ रुपये दान करने के बारे में सोचा. मैंने सोमैया द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत 2013 में 2,000 रुपये दान दिए थे.’
भोंसले के साथ शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने बुधवार को पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया था.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वास भंग), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 34 (साझा मंशा) के तहत किरीट सोमैया, उनके बेटे नील और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक रेहाना शेख ने पुष्टि की कि किरीट सोमैया, नील सोमैया और अन्य के खिलाफ बबन भोसले नामक एक पूर्व सैनिक के शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
शिकायत के मुताबिक, सोमैया, उनके बेटे और अन्य ने 2013-14 में विक्रांत को बहाल करने के नाम पर पैसे जमा किए थे. इसमें कहा गया है कि मुंबई भर के रेलवे स्टेशनों में दान पेटियों के माध्यम से जनता से पैसा एकत्र किया गया था.
भोसले ने शिकायत में कहा कि उन्होंने एक बॉक्स में 2,000 रुपये रखे थे और उनकी जानकारी के अनुसार, जनता से कुल 57 करोड़ रुपये एकत्र किए गए.
शिकायत में कहा गया है कि चंदा इकट्ठा करते हुए सोमैया ने कहा था कि पैसा राज्यपाल के पास दान कर दिया जाएगा.
शिकायत के अनुसार, भोंसले को जहाज के कबाड़ के बारे में पता चला और सोमैया द्वारा 2013-14 में जमा किए गए दान के बारे में राज्यपाल के सचिव को भेजी गई एक आरटीआई के बारे में एक समाचार रिपोर्ट देखी.
शिकायत में कहा गया है कि आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि राज्यपाल के कार्यालय को ऐसा कोई पैसा नहीं मिला.
इस पर भोंसले वकील संदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने कुछ सबूतों के साथ उनसे संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने ट्रॉम्बे पुलिस से संपर्क किया.
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने संज्ञान लिया है और प्राथमिकी दर्ज की है. हमें विश्वास है कि पुलिस जांच को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएगी.’
सिंह के अनुसार, भोसले किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं.
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी बीते बुधवार को किरीट सोमैया पर आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए दान के तौर पर लोगों से जमा की 57 करोड़ रुपये की निधि के गबन का आरोप लगाया था.
आरोप को खारिज करते हुए सोमैया ने कहा था कि अगर राउत के पास कोई सबूत है उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपना चाहिए.
सोमैया ने बृहस्पतिवार कोअपने खिलाफ लगे आरोपों पर कहा, ‘सेव आईएनएस विक्रांत अभियान के दौरान जमा की गई निधि में से एक भी पैसे का दुरुपयोग नहीं हुआ. मैं मामले में किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं. मेरे पास पर्याप्त दस्तावेज और संजय राउत तथा अन्य शिवसेना नेताओं के खिलाफ सबूत हैं. हालांकि, राउत ने कभी मेरे खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं दिया. मुझे मेरे खिलाफ दायर की गई प्राथमिकी की प्रति भी नहीं मिली है.’
राउत के राज्यपाल कार्यालय के एक पत्र का हवाला देने के बारे में पूछने पर भाजपा नेता ने पत्रकारों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.