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 असहमति और बौद्धिक विवाद की आजादी की रक्षा हो : राष्ट्रपति | dharmpath.com

Monday , 21 April 2025

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असहमति और बौद्धिक विवाद की आजादी की रक्षा हो : राष्ट्रपति

तिरुअनंतपुरम, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि संदेह, असहमति और बौद्धिक रूप से विवाद की आजादी की हर हाल में रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से भारतीय तार्किक के रूप में विख्यात हैं असहिष्णुता के लिए नहीं।

तिरुअनंतपुरम, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि संदेह, असहमति और बौद्धिक रूप से विवाद की आजादी की हर हाल में रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से भारतीय तार्किक के रूप में विख्यात हैं असहिष्णुता के लिए नहीं।

भारतीय इतिहास कांग्रेस 77 वें सत्र को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश में समय-समय पर एक दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति देखी जा रही है कि नाराजगी की किसी भी अभिव्यक्ति को सामाजिक या सांस्कृतिक व्यवस्था का, पहले या वर्तमान व्यवस्था के शत्रु के रूप में लिया जाता है।

अपने देश से प्यार करना प्राकृतिक है लेकिन राष्ट्रभक्ति का परिणाम आंखों पर पट्टी बांधकर इतिहास की व्याख्या करने के रूप में नहीं होना चाहिए। या अपनी पसंद के तर्क को सही ठहराने के लिए इस तरह से सच्चाई के साथ समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास की वस्तुनिष्ठ खोज के लिए भेदभाव रहित एक न्यायाधीश के दिमाग की जरूरत है कि एक वकील के दिमाग की नहीं।

हमारे लोकतंत्र के एक अनिवार्य स्तंभ के रूप में संदेह, असहमति और बौद्धिक विवाद की हर हाल में रक्षा की जानी चाहिए।

कुछ भी तर्क से परे नहीं होना चाहिए और इसलिए विचार-विमर्श और दलील है। किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इस तरह की आजादी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने वैसे अपरिचित विचारों और विभिन्न निष्कर्षो एवं धारणाओं पर विचार करने को लेकर खुला होने की जरूरत पर जोर दिया।

यह अनिवार्य तौर पर विपरीत विचारों और फैसलों को लेकर असहिष्णुता पर रोक लगाता है।

असहमति और बौद्धिक विवाद की आजादी की रक्षा हो : राष्ट्रपति Reviewed by on . तिरुअनंतपुरम, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि संदेह, असहमति और बौद्धिक रूप से विवाद की आजादी की हर हाल में रक्षा की जाए। उन् तिरुअनंतपुरम, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि संदेह, असहमति और बौद्धिक रूप से विवाद की आजादी की हर हाल में रक्षा की जाए। उन् Rating:
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