गुवाहाटी, 19 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी ने असम में 15 सालों से शासन कर रही कांग्रेस को गुरुवार को सत्ता से बेदखल कर दिया।
भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल ने वादा किया है कि नई सरकार असम की जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी।
असम विधानसभा चुनाव की मतगणना के नतीजों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला गठबंधन 126 सदस्यीय विधानसभा में 84 सीट जीत चुका है और एक सीट पर आगे है।
राज्य में भाजपा ने 60 सीटें जीती हैं। भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद 13 सीटें जीत चुकी है और एक पर आगे है। भाजपा के एक अन्य सहयोगी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने 12 सीटें जीती हैं। कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि उसकी सहयोगी युनाइटेड पीपल्स पार्टी (यूपीपी) को एक भी सीट नहीं मिली है।
असम की पिछली विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को केवल 13 सीटें मिली हैं। एक स्वतंत्र उम्मीदवार मिसबाउल इस्लाम लास्कर को बराक घाटी के बोरखोला चुनाव क्षेत्र में जीत हासिल हुई है। उन्होंने कांग्रेस के वजनदार उम्मीदवार रुमी नाथ को मात दी।
सर्वानंद सोनोवाल ने चुनाव परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करेगी।
सोनोवाल ने एक प्रेसवार्ता में कहा, “असम की जनता ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर भरोसा किया है। असम के लोग कांग्रेस के कुशासन से परेशान थे। इसलिए उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगियों को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया। असम के लोग बदलाव चाहते हैं। वे अपनी अस्मिता और स्वतंत्रता को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इसलिए लोगों ने हमें वोट दिया और हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।”
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
गोगोई ने कहा, “हम जनमत को स्वीकार करते हैं। मैं असम के लोगों को हमें तीन बार सेवा का मौका देने के लिए धन्यवाद देता हूं। अब लोग हमें विपक्ष में देखना चाहते हैं तो हम एक रचनात्मक विपक्ष के रूप में काम करेंगे और मैं लोगों को इसके लिए धन्यवाद देता हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं लोगों का आभारी हूं कि उन्होंने पूरी तरह कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। हो सकता है कि हमारी तरफ से कुछ कमियां रह गई हो। क्योंकि लोगों को हमसे कहीं ज्यादा उम्मीदें थी।”
गोगोई ने कहा कि वे सर्वानंद सोनोवाल को जीत के लिए बधाई दे चुके हैं। उन्होंने कहा, “उनके लिए यह बड़ी सफलता है। भाजपा, एजीपी और बीपीएफ इस बार मिलकर लड़े और जीते।”
गोगोई ने जोर देते हुए कहा कि वह राजनीति में बने रहेंगे। गोगोई ने कहा कि जीत और हार राजनीति में लगा रहता है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने जीवन में कई उतारचढ़ाव देखे हैं, चाहे वह राष्ट्रीय राजनीति में हो या असम में हो।”
गोगोई ने कहा कि उनकी पार्टी हार का विश्लेषण करेगी और भाजपा और उसके सहयोगियों के जीत के कारणों पर मंथन करेगी।
नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आईएएनएस से कहा, “यह ऐतिहासिक है। हम असम में प्रवेश करने जा रहे हैं।”