अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 22 जनवरी को होने वाला ‘धर्म संसद’ सम्मेलन अब अप्रैल के पहले सप्ताह में होगा. धर्म संसद के एक पदाधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
धर्म संसद की प्रवक्ता पूजा शकुन पांडेय ने बीते 23 जनवरी को संवाददाताओं से कहा कि धार्मिक संस्था की प्रमुख मांग देश के हर जिले में धर्म गुरुओं की नियुक्ति का प्रावधान करना है, जो सरकार में सलाहकारों के रूप में काम करेंगे.
उन्होंने बताया, ‘धर्म संसद का आयोजन पहले 22 जनवरी को अलीगढ़ में होना था. अब इसका आयोजन अप्रैल के पहले सप्ताह में किया जाएगा.’
पूजा शकुन पांडेय हरिद्वार धर्म संसद मामले में नामजद भी हैं.
पूजा ने बताया, ‘इसे कोविड महामारी और राज्य में जारी विधानसभा चुनावों के कारण स्थगित किया गया है.’
उन्होंने बताया कि धर्म संसद की एक और मांग ‘सभी राज्य विधानसभाओं और संसद में हिंदू संत प्रतिनिधियों के लिए आरक्षण की है.’
पांडेय अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव भी हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के फिर से जीत के लिए अपील भी जारी की.
पांडेय ने यह आशा भी व्यक्त की कि हरिद्वार में एक धर्म संसद में नफरती भाषा के लिए गिरफ्तार किए गए दो हिंदू नेताओं को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.
पांडेय ने कहा, ‘हमें कानूनी व्यवस्था और संविधान पर पूरा भरोसा है और हमें यकीन है कि उन्हें जमानत मिल जाएगी.’
गौरतलब है कि ‘सनातन हिंदू सेवा संस्थान’ ने 22-23 जनवरी को अलीगढ़ के नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में ‘सनातन धर्म संसद’ के आयोजन का ऐलान किया था. हालांकि, जिला प्रशासन ने ऐसे किसी भी कार्यक्रम की जानकारी होने से इनकार किया था.