नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का केंद्र सरकार का फैसला ‘संवैधानिक जनादेश का माखौल, संघवाद की हार और लोकतंत्र को कुचलना है।’
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “संघवाद के सम्मान और सभी राज्यों को ‘टीम इंडिया’ का बराबर का हिस्सेदार कहने की मोदीजी की दोहरी बातों का पर्दाफाश हो गया।”
उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को रत्ती भर भी सम्मान नहीं देने को दिखाता है, खासकर इसलिए क्योंकि भाजपा प्रायोजित बाध्यकारी विद्रोह के इस पूरे मामले की सुनवाई संवैधानिक पीठ (सर्वोच्च न्यायालय की) कर रही है।”
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस चुने हुए जनादेश को कमतर करने के सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण कदम से निर्णायक रूप से संघर्ष करेगी।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी पार्टी अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को चुनौती देगी।
कपिल सिब्बल ने कहा, “वे लोग एक एक ऐसे मामले को ‘बाइपास’ करने की कोशिश कर रहे हैं जो न्यायालय में विचाराधीन है। हम अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को चुनौती देंगे।”
उन्होंने कहा, “यह सरकार का एक गलत फैसला है। राज्यपाल अपनी कार्रवाइयों से खुद को पहले ही शर्मिदा कर चुके हैं और अब ऐसा लग रहा है कि यह फैसला कर सरकार भी खुद को शर्मिदा करना चाह रही है। यह सरकार का एक दुर्भाग्यपूर्ण राजनैतिक कदम है।”
सिब्बल ने कहा, “यह सरकार अच्छी तरह जानती है कि इसके पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। यह सिफारिश कभी पास नहीं हो सकेगी क्योंकि यह राजनैतिक रूप से प्रेरित है। लेकिन, इसके बावजूद वे चीन की सीमा से लगते राज्य को अस्थिर करना चाह रहे हैं। यह है वह राजनैतिक समझदारी जो इस सरकार के पास है।”
सिब्बल ने कहा, “यह एक राजनैतिक असहिष्णुता की कार्रवाई है। यही इनका सहकारी संघवाद है। बजाए इसके कि ये सीमावर्ती राज्य को मजबूत करते, ये उसे अस्थिर करने में लग गए।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “इस तथ्य के सबूत हैं कि इन्होंने असंतुष्टों का समर्थन कर अरुणाचल प्रदेश में बहुमत पाने की तिकड़म की। इस बात की टेप-रिकार्डिग मौजूद है जिससे पता चलता है कि असंतुष्ट दरअसल पैसा मांग रहे थे।”
सिब्बल ने कहा, “मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। उन्हें यह पता है कि क्या होगा अगर मामला उनके खिलाफ चला गया। इसलिए उन्होंने दखल देना उचित समझा और एक अलग तरीके से बहुमत हासिल करने की तिकड़म की है। यह फैसला इन पर बहुत भारी पड़ेगा।”