वॉशिंगटन, 8 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एक प्रस्ताव में हिंदुओं, सिखों, यहूदियों, मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा और दोहरी निष्ठा के आरोप की निंदा की गई।
गुरुवार को प्रस्ताव में जोड़े गए मुख्य तत्वों में दोहरी निष्ठा के आरोप लगाने की निंदा की गई, जिसके अंतर्गत कुछ नागरिकों के देशभक्ति के बारे में संदेह किया जाता है। इसकी महत्ता उन भारतीय-अमेरिकी के लिए है जिन्हें कई बार भारत के लिए समर्थन जताने के एवज में आरोप झेलने पड़ते हैं।
प्रस्ताव का 243 डेमोक्रेट ने समर्थन किया, एक अनुपस्थित रहा। इसके अलावा 173 रिपब्लिकन ने इसके पक्ष में वोट दिया और 23 ने इसके विरोध में वोट दिया।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि हमारे समुदाय को भी कई बार भारत के लिए दोहरी निष्ठा रखने के आधारहीन आरोपों की वजह से संदेह और नफरत से देखा जाता है।
यह प्रस्ताव सबसे पहले सोमाली मूल के मुस्लिम प्रतिनिधि इलहान उमर के लगातार यहूदी विरोधी टिप्पणी की वजह से पेश किया गया, जिन्होंने इजरायल के समर्थकों को ‘बाहरी देश से संबद्ध बताया’ और ट्वीट कर कहा कि इजरायल के लिए समर्थन ‘बेंजामीन बेबीज’ द्वारा प्रायोजित है।
लेकिन स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा लाए गए प्रस्ताव का पार्टी के लेफ्ट विंग और सदन के अमेरिकी-अफ्रीकी ब्लॉक ने विरोध किया। जब कि ड्राफ्ट में उमर का नाम तक नहीं था।
उदाहरण के तौर पर भारतीय-अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस ने भी कहा कि इससे उमर के प्रति लोगों का ध्यान जाएगा और उसकी जिंदगी को खतरा उत्पन्न होगा।
प्रस्ताव के समर्थन में मुखर असंतुष्टों को जोड़ने के क्रम में मुस्लिम और अफ्रीकी-अमेरिका का संदर्भ दिया गया। बाद में इसमें अन्य धर्म, एशियाई अप्रवासी, समलैंगिकों, ट्रांसजेंडरों और अन्य अल्पसंख्यकों को जोड़ा गया।
लेकिन इसमें बौद्धों, मोर्मोस और अन्य समुदाय को नहीं जोड़ा गया।
एचएएफ ने हालांकि अन्य समूहों के साथ मिलकर हिंदुत्व को भी इस प्रस्ताव में जुड़वाने की कोशिश की।
नेशनल सिख कैंपेन के एक वरिष्ठ सलाहकार राजवंद सिंह ने कहा, “हम प्रस्ताव का स्वागत करते हैं क्योंकि हम अपनी पहचान की वजह से नफरत और हिंसा से पीड़ित हैं।”
संघीय जांच ब्यूरो के अनुसार, यहूदियों के खिलाफ घृणित अपराध के मामलों में पिछले वर्ष के मुकाबले 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पेलोसी ने मतदान से पूर्व कहा, “यह एक बार फिर से यहूदी विरोधी, मुस्लिम विरोधी बयानों का यथासंभव विरोध करने का एक अवसर है।”