वाशिंगटन, 11 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हाल में मारी गई अमेरिकी बंधक कायला मूलर उन बंधकों में शामिल थीं, जिन्हें पिछले साल अमेरिकी सरकार ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल से बचाने का प्रयास किया था, लेकिन वह अभियान असफल रहा।
ऑनलाइन बजफीड न्यूज को मंगलवार को दिए एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा, “दुनिया भर में कहीं भी बंधक रहे लोगों को छुड़ाने के लिए हमने तमाम संसाधन झोंक दिए।”
उन्होंने कहा, “बेहद जोखिम लेते हुए केवल उन्हें ही नहीं, बल्कि अन्य लोग जो या तो उनके कब्जे में थे या एक दो दिन से लापता थे, उन्हें छुड़ाने के लिए हमने एक अभियान तक चलाया।”
अमेरिका ने बीते साल अगस्त में खुलासा किया था कि अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले सहित कई बंधकों को सुरक्षित छुड़ाने के लिए उसने सीरिया में एक गुप्त मिशन चलाया था, लेकिन सही जगह की जानकारी नहीं होने के कारण वह असफल रहा था।
ओबामा ने कहा कि बंधकों में 26 वर्षीय मूलर भी थीं, जिन्हें मंगलवार को उनके परिवार व व्हाइट हाउस ने मारे जाने की पुष्टि कर दी।
राष्ट्रपति ने उस अमेरिकी नीति का बचाव किया, जिसमें विदेशों में बंधक बनाए अमेरिकियों की रिहाई के लिए फिरौती की रकम नहीं देने का प्रावधान है, जबकि मूलर के माता-पिता इसके लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे।
ओबामा ने कहा, “भविष्य में अमेरिकियों को कहीं बंदी न बनाया जा सके, इसके लिए हम सबकुछ करेंगे।”
उल्लेखनीय है कि मूलर चौथी अमेरिकी बंधक हैं, जिनका कत्ल आईएस द्वारा किया गया।