न्यूयार्क, 15 जनवरी (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन से पता चला है कि अमेरिका में किशोरों, महिलाओं और अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच गुर्दे में पथरी की समस्या बढ़ रही है।
अमेरिका में ‘चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया (सीएचओपी)’ के एपिडिमियोलॉजिस्ट और पेडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट ग्रेगरी ई. तासियान ने कहा, “बच्चों में गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ना चिंता का कारण है, क्योंकि इस स्थिति में बच्चों का समुचित उपचार संभव नहीं है।”
लेखकों के अनुसार, कम पानी पीना और कम आहार लेने की आदतों से शरीर में सोडियम का बढ़ना और कैल्शियम की कमी, गुर्दे में पथरी की कारक हो सकती है।
तासियान ने चेतावनी देते हुए कहा, “इससे प्रभावित लोगों, विशेषकर महिलाओं में क्रोनिक किडनी, हृदय और हड्डी रोग से ग्रस्त होने का खतरा अधिक है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि शोधकर्ताओं द्वारा ढूंढ़े गए नमूने चिकित्सकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को गुर्दे की पथरी का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 1997 से लेकर 2012 तक इस रोग से ग्रस्त रोगियों की उम्र, जाति और सेक्स विशेषताओं का विश्लेषण किया।
अध्ययन के परिणामस्वरूप 1997 से लेकर 2012 के बीच गुर्दे में पथरी के मामलों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष 1997 से लेकर 2012 के बीच बच्चों में गुर्दे में पथरी का खतरा दोगुना हो गया, जबकि महिलाओं में इसका खतरा 45 प्रतिशत तक बढ़ते देखा गया।
शोधकर्ताओं ने लगभग 153,000 गुर्दे की पत्थरी के रोगियों (बच्चों और व्यस्कों) के आंकड़ों का विश्लेषण किया।