न्यूयार्क, 15 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका की एक अदालत ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानवाधिकार से संबंधित एक मामला खारिज कर दिया, जिसमें उन पर गुजरात दंगों को रोक पाने में विफल होने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने कहा कि मोदी इस वक्त एक देश की सरकार के प्रमुख हैं और इसलिए उन्हें मुकदमों से छूट प्राप्त है।
मोदी के खिलाफ यह मुकदमा न्यूयार्क में अमेरिकी मानवाधिकार संस्था ‘अमेरिकन जस्टिस सेंटर’ (एजेसी) ने दायर किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अमेरिकी जिला न्यायाधीश एनालिसा टोरेस ने बुधवार को मोदी को मुकदमे से छूट देने के अमेरिकी विदेश विभाग के निर्णय को बरकरार रखा।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि किसी देश की सरकार के प्रमुख होने के नाते मोदी को मुकदमों से मिलने वाली छूट सरकार के निर्णय पर आधारित है।
टोरेस ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि विदेशी संप्रभुता उन्मुक्ति अधिनियम केवल विदेशी राष्ट्रों को छूट प्रदान करता है, न कि व्यक्तिगत सरकारी अधिकारी को। इसलिए मोदी को इस कानून के तहत छूट नहीं मिल सकती, क्योंकि जिसका आरोप उन पर लगाया गया है, वह उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले हुआ था।
एजेसी ने मोदी के खिलाफ टॉर्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट, 1991 और एलियन टॉर्ट स्टैट्यूट के तहत सितंबर 2014 में उनकी अमेरिका यात्रा से ठीक पहले उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
अमेरिकी अदालत की ओर से मोदी के खिलाफ मामला ऐसे समय में खारिज किया गया है, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में यहां पहुंचने वाले हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।