लखनऊ, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा जूता बांटे जाने की घटना ने नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। अब वही लोग जूते लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्हें स्मृति ने जूते बंटवाए थे।
स्मृति को जब इस बात का पता चला कि उनके संसदीय क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों के पास पहने के लिए जूते नहीं हैं, तो उन्होंने गांवों में जूते वितरित करवा दिए।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे अमेठी की जनता का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि अमेठी के लोग भिखारी नहीं हैं।
हरिहरपुर गांव के लोगों ने मंगलवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हाथ में जूते लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथ में तख्तियां पकड़ रखी थीं, जिस पर लिखा था -स्मृति ईरानी उन्हें अपना पता दें, ताकि वे उन्हें जूते वापस भेज सकें।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गांव के निवासी मान सिंह ने कहा, “हम भिखारी नहीं हैं, जो जूते रख लें। हमारी आमदनी भले ही अधिक नहीं है, पर हम अपने दम पर जूते खरीद सकते हैं।”
एक और निवासी राम सुंदर ने कहा, “हमने जूते वापस करने का निर्णय लिया है, क्योंकि ईरानी वोट के लिए इसे मुद्दा बना रही हैं।”
सुंदर ने कहा, “वह हर किसी से कहती फिर रही हैं कि उन्होंने हरिहरपुर के लोगों को 25,000 रुपये कीमत के जूते दिए हैं। क्या हम बिना जूतों के मर रहे थे? वह आज तक इस गांव में नहीं आई हैं, उन्हें कैसे पता हमारे पात जूते हैं या नहीं?”
हालांकि, इसबीच भाजपा के स्थानीय नेता समीर शुक्ला ने कहा कि स्मृति ईरानी की बढ़ती लोकप्रियता से भयभीत होकर कांग्रेस प्रदर्शन करवा रही है।
ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव मैदान में हैं। यहां पांचवें चरण के तहत छह मई को मतदान होना है।