लास बेगास, 7 जून (आईएएनएस)। अमेजन के एलेक्सा की वैश्विक टीम के लिए भारत एक प्रमुख उभरता हुआ बाजार है और टीम इस आवाज आधारित असिस्टेंट को और अधिक क्षेत्रीय भाषाओं की क्षमता से लैस करने पर काम कर रही है, जो देश के लिविंग रूम्स का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है।
लास बेगास, 7 जून (आईएएनएस)। अमेजन के एलेक्सा की वैश्विक टीम के लिए भारत एक प्रमुख उभरता हुआ बाजार है और टीम इस आवाज आधारित असिस्टेंट को और अधिक क्षेत्रीय भाषाओं की क्षमता से लैस करने पर काम कर रही है, जो देश के लिविंग रूम्स का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है।
हालांकि इस स्मार्ट स्पीकर को भारत में आए हुए अभी थोड़ा ही समय हुआ है, लेकिन देश में एलेक्स जैसे स्मार्ट डिवाइसेज की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) के मुताबिक, अमेजन इको की भारतीय स्मार्ट स्पीकर्स बाजार में हिस्सेदारी 2018 में सबसे अधिक 59 फीसदी रही, जिसके बाद गूगल होम की हिस्सेदारी 39 फीसदी रही।
एलेक्सा के उपाध्यक्ष और मुख्य वैज्ञानिक रोहित प्रसाद ने कहा, “हां, हम भारतीय बाजार के लिए एलेक्सा को क्षेत्रीय भाषाओं की क्षमता से लैस कर रहे हैं। लेकिन ये अभी शुरुआती चरण में हैं।”
फिलहाल, एलेक्सा कुछ हिंग्लिश कमांड्स को समझ सकती है, लेकिन इसकी संख्या काफी कम है।
प्रसाद ने यहां आयोजित अमेजन के अग्रणी कार्यक्रम ‘रि : मार्स’ से इतर आईएएनएस को बताया, “हमारे लिए यह प्रासंगिक, सांस्कृतिक और साथ ही सामग्री से संबंधित चुनौती है, क्योंकि सवाल यह नहीं है कि एलेक्सा को हिंदी समझने की जरूरत है। यह हम बड़ी आसानी से कर सकते हैं, लेकिन एलेक्सा जब हिंदी बोले तो उसे भारतीय लहजे में बोलना आना चाहिए। यहां कई बोलियां और उच्चारण हैं, जिसे एलेक्सा को समझना होगा और उसी अनुरूप जवाब भी देना होगा।”
उनके मुताबिक, यहां तक कि जो चुटकुले अमेरिका में अच्छे लगते हैं, वे भारतीय भाषाओं में सही नहीं लगेंगे।
प्रसाद ने कहा, “हमारे समक्ष चुनौतियों भाषा को लेकर नहीं, बल्कि संस्कृति को लेकर है। हम अपने ग्राहकों को खुश करने के लिए एक शानदार अनुभव मुहैया कराने में विश्वास रखते हैं, बल्कि उन्हें आधा-अधूरा चीज देने में नहीं। हम इन मुद्दों को भारतीय परिपेक्ष्य में हल करने पर काम कर रहे हैं।”
एलेक्सा हिंदी के अलावा तमिल, मराठी, कन्नड़, बांग्ला, तेलुगू और अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी बोलेगी।
प्रसाद ने कहा, “हम चाहते हैं कि एलेक्सा हर जगह हो तथा यह किसी मशीन की तरह नहीं, बल्कि सहज तरीके से बात करे।”