सतकर्ता अधिष्ठान द्वारा आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ खुली जांच की गई थी, जिसे आईपीएस अधिकारी ठाकुर ने फर्जी बताते हुए जांच में की गई अनियमितताओं के संबंध में जांच कर कार्रवाई करने के मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को न्यायालय ने राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति विजय लक्ष्मी की पीठ ने यह आदेश अमिताभ की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर और राज्य सरकार के अधिवक्ता को सुनने के बाद पारित किया।
याचिका के अनुसार, सतर्कता अधिष्ठान ने राजनैतिक दवाब में उन्हें अपनी बात कहने का अवसर दिए बिना ही उनके खिलाफ एक पक्षीय जांच की और उन्हें दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई, जिसे राज्य सरकार ने आनन-फानन में स्वीकार कर लिया, जबकि अमिताभ ने मुख्य सचिव सहित प्रत्येक अधिकारी को सही तथ्यों से अवगत कराया था, अत: इन अफसरों पर कार्रवाई हो।
न्यायालय ने तथ्यों को देखते हुए राज्य सरकार से एक सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई तय की है।