लंदन, 10 जुलाई (आईएएनएस)। इराक युद्ध में ब्रिटेन की भागीदारी के दौरान ब्रिटिश उपप्रधानमंत्री रहे जॉन प्रेस्कॉट ने रविवार को कहा कि इराक युद्ध अवैध और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन था।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, प्रेस्कॉट ने कहा कि चार दिन पूर्व चिलिकॉट रपट के सामने आने के बाद उन्होंने सैन्य कार्रवाई की अवैधता के बारे में अपना मन बदला है। रपट में कहा गया था कि लंदन ने अन्य विकल्पों पर विचार किए बगैर ही इराक में सैन्य हस्तक्षेप का आदेश दे दिया था।
उन्होंने कहा, “वर्ष 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने कहा था कि चूंकि इराक युद्ध का प्रमुख उद्देश्य सत्ता में बदलाव था, लिहाजा यह अवैध था।” उन्होंने कहा कि अत्यंत दुख और अप्रसन्नता के साथ वह अब मानते हैं कि अन्नान सही थे।
प्रेस्कॉट ने सैन्य अभियान शुरू होने से पूर्व के दिनों को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन अटार्नी जनरल पीटर गोल्डस्मिथ ने सरकार के सदस्यों को आश्वस्त किया था कि हमला वैध है, लेकिन उन्होंने इसके पक्ष में कोई दस्तावेज नहीं मुहैया कराया था।
इराक युद्ध के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री रहे टोनी ब्लेयर ने इसके पहले बुधवार को स्वीकार किया था कि जिस खुफिया जानकारी के आधार पर हमला किया गया था, वह झूठी थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि कोई झूठ नहीं बोला गया था और वह मानते हैं कि सही कदम उठाया गया था।
सर जॉन चिलिकॉट के नेतृत्व वाला चिलिकॉट जांच में इराक युद्ध में ब्रिटेन की भूमिका की जांच की गई है।