नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। परिचालन बंद कर चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के कर्जदाता और कर्मचारी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कंपनी को उबारने कोई आगे आएगा, लेकिन कंपनी के प्रमुख का पद छोड़ चुके प्रमोटर नरेश गोयल को कुछ सप्ताह पहले मालूम हुआ कि अब डूबते जहाज को खाली करने का वक्त आ गया है।
नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। परिचालन बंद कर चुकी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के कर्जदाता और कर्मचारी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कंपनी को उबारने कोई आगे आएगा, लेकिन कंपनी के प्रमुख का पद छोड़ चुके प्रमोटर नरेश गोयल को कुछ सप्ताह पहले मालूम हुआ कि अब डूबते जहाज को खाली करने का वक्त आ गया है।
गोयल की ट्रैवल कंपनी जेट एयर ने पिछले महीने मई में जेट एयरवेज को पत्र लिखकर गुरुग्राम स्थित अपना परिसर खाली करने को कहा, जबकि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में कर्जदाता एयरलाइन के लिए निवेशकों की तलाश में जुटे हैं।
गोयल के नियंत्रण वाली कंपनी जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड चाहती है कि बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज अब दिल्ली के यूसुफ सराय और गुरुग्राम स्थित परिसर से अपने दफ्तर खाली करे। इस संबंध में करार की समाप्ति होने और लाइसेंस शुल्क का भुगतान नहीं होने का हवाला दिया गया है।
कुछ ही समय पहले गोयल जब जेट एयरवेज के चेयरमैन थे तब वह सबका नियंत्रण करते थे। कागजों में वह अभी तक कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं।
जेट एयर के एग्जिक्यूटिव ने जेट एयरवेज के स्टाफ को भेजे पत्र में लिखा है, “मार्च 2019 के बाद हमें वाईएस (युसुफ सराय) फ्लोर्स के संबंध में 9डब्ल्यू (जेट एयरवेज) से न तो कोई नवीनीकरण की व्यवस्था और न ही बिजली पर हुआ खर्च मिला है, जोकि हर महीने हो रहा है, जिसके बिना हम आगे इसे जारी नहीं रख सकते हैं। इसलिए खाली करें।”
जेट एयर के एग्जिक्यूटिव विमल के. त्रिपाठी ने लिखा, “जीजीएन (गुरुग्राम) स्थित परिसर के लिए हमें लाइसेंस शुल्क नहीं मिल रहा है, जिसके बिना हम उपर्युक्त परिसर खाली करने के लिए कहने को बाध्य हैं।”
नोटिस मिलने पर जेट एयरवेज के अधिकारियों ने जेट एयर से इस योजना को तब तक के लिए स्थगित करने का आग्रह किया है, जब तक एयरलाइन दोबारा चालू न हो जाए। एयरलाइन ने फैसले को स्थगित करते हुए अनुकूल नोटिस की अवधि देने का आग्रह किया है।
दिल्ली स्थित जेट एयरवेज के एग्जिक्यूटिव ने जेट एयर को पत्र लिख कर कहा, “जेट एयरवेज के मौजूदा वित्तीय संकट से आप भलीभांति अवगत हैं। ऐसे हालात में इन कार्यालयों के बिना हमारे लिए जरूरी कार्य का प्रबंधन संभव नहीं होगा। जहां तक करार के नवीनीकरण का सवाल है तो हम अपने मुंबई की टीम को उल्लिखित दफ्तरों की जगहों के लिए करार बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहेंगे।”
आईएएनएस ने इस मुद्दे को लेकर मेल के जरिए हुए आदान-प्रदान का पुनरीक्षण किया है।