मथुरा, 16 सितंबर – मथुरा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद हेमा मालिनी ने वृंदावन में बिहार और पश्चिम बंगाल की विधवाओं की मौजूदगी पर सवाल उठाया है। हेमा मालिनी ने सोमवार की शाम को वृंदावन में विधवा आश्रमों का दौरा किया था जहां रहने की अत्यंत खराब स्थिति पाने के बाद उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मुद्दे पर बात करेंगी।
लगभग 2000 विधवाएं वृंदावन के आधा दर्जन आश्रमों और शरण गृहों में रह रही हैं। इनमें से तीन आश्रमों की देखरेख का जिम्मा सुलभ इंटरनेशन ने ले रखा है।
इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों ने सांसद के रुख का समर्थन किया।
फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन के संयोजक जगन्नाथ पोद्दार ने आईएएनएस से कहा, “हेमा मालिनी ने इस मुद्दे को उठाकर और बिहार एवं पश्चिम बंगाल की सरकारों से इन्हें गृह राज्य में सुविधा मुहैया कराने को कहकर स्थानीय लोगों की भावना को प्रतिध्वनित किया है।”
इस नगरी के अधिकांश निवासी विधवाओं के स्थायी रूप से यहां रहने का कोई कारण नहीं पाते हैं। रसिक बिहारी नाम के दुकानदार ने कहा, “इन राज्य सरकारों को इन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराकर वहीं रखना चाहिए। इनमें से अधिकांश को अब पेंशन मिल रहा है तो वे क्यों यहां आती हैं।”
एक अन्य कार्यकर्ता गिरधारी ने कहा, “इनमें कई जाली विधवाएं हैं और संदेह है कि उनमें से कई बांग्लादेशी हैं।”
मथुरा के एक वरिष्ठ मीडियाकर्मी संजीव गौतम ने आईएएनएस से कहा, “हेमा मालिनी सही हैं, हालांकि उनकी दलील पेश करने के तरीके से कोई असहमत हो सकता है।”
स्थानीय पुजारी राधेश्याम ने कहा, “दशकों तक पश्चिम बंगाल में प्रगतिशील सरकार रही। उन्हें इन लाचार महिलाओं के पुनर्वास के लिए सुविधा मुहैया करानी चाहिए थी। आखिर वे सभी वृंदावन ही क्यों पहुंचती हैं और भिक्षा मांग कर इस नगरी को बदनाम करती हैं। इन विधवाओं को उनके राज्यों को वापस भेजने का यही उपयुक्त समय है।”