चंडीगढ़, 10 मई (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम सिख-विरोधी दंगों के साथ जोड़े जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को गोधरा कांड के साथ इसकी तुलना की।
अमरिंदर ने यहां पत्रकारों से कहा कि मोदी द्वारा राजीव गांधी का नाम सिख-विरोधी दंगे के साथ जोड़ा जाना गलत है।
उन्होंने पूछा, “यदि कोई गोधरा के साथ मोदी का नाम जोड़ना शुरू कर दे तो? यह प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता कि चुनाव जीतने के लिए वह इतना नीचे गिर जाएं।”
सैम पित्रोदा के विवादास्पद बयान पर साफ तौर पर असहमति जताते हुए सिंह ने कहा कि यदि पित्रोदा ने वाकई ऐसा कहा है, तो यह स्तब्ध करने वाला है।
पित्रोदा ने कहा था कि ‘अगर 1984 का दंगा हुआ, तो हुआ, इसमें क्या।’
अमरिंदर ने कहा, “1984 का दंगा एक बड़ी त्रासदी थी और पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है। अगर कोई नेता इस दंगे में सलिप्त है, तो उसे कानून के हिसाब से सजा मिला चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जब यह दंगा हुआ था, वह तभी से कह रहे हैं कि उन्होंने सज्जन कुमार, एच.के.एल. भगत, धर्मदास शास्त्री, ललित माकन और अर्जुन दास के मामले में संलिप्तता के बारे में आरोपों को सुना था और वह अपने बयान पर टिके हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त कुछ लोगों के संबंध कांग्रेस से होने का मतलब यह नहीं है कि मोदी को दंगे में राजीव गांधी या कांग्रेस पार्टी को घसीटने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इसी तर्ज पर तो मोदी का भी नाम गोधरा हमले से जोड़ देना चाहिए।”
उन्होंने प्रधानमंत्री से पद की गरिमा घटाने का प्रयास करने और ऐसे आधारहीन बयानों से दूर रहने के लिए कहा।
मख्यमंत्री ने कहा, “मोदी को 1984 दंगा मामले की एफआईआर में कई भाजपा और आरएसएस नेताओं के नाम को भी नहीं भूलना चाहिए। जो भी निर्दोष सिखों पर हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उन सबको सजा मिलनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि मोदी बेवजह अदालत के विवादों में राजीव गांधी का नाम घसीट रहे हैं और अपने झूठ से वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा गत पांच वर्षो में किए गए कामों के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला।
बालाकोट हवाई हमले के बारे में सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पंजाबियों ने रक्षा बलों की भूमिका को सराहा है, इसके बावजूद पाकिस्तान के साथ 500 किलोमीटर से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले इस राज्य में कोई भी पाकिस्तान से युद्ध नहीं चाहता है।