अगरतला, 25 अगस्त (आईएएनएस)। त्रिपुरा सरकार ने यहां 23 अगस्त को हुई जातीय हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।
पश्चिमी त्रिपुरा के जिलाधीश और आयुक्त मिलंद रामटेके ने गुरुवार को कहा, “राज्य सरकार ने 23 अगस्त को अगरतला में हिंसा और झड़पों के तथ्यों का पता लगाने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है।”
उन्होंने कहा, “हिंसा के तत्काल बाद अगरतला में पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी, जो कि गुरुवार को आधी रात तक जारी रहेगी। इस अवधि के दौरान सभी प्रकार की सभाओं और रैलियों पर रोक लगा दी गई है।”
जिलाधीश ने कहा कि असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और राज्य पुलिस स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
रामटेके ने कहा, “राजधानी में और उसके बाहरी इलाकों में स्थिति नियंत्रण में है और शहर में कहीं भी किसी नई समस्या की सूचना नहीं मिली है।”
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मुख्य सचिव यशपाल सिंह, पुलिस प्रमुख के. नागराज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया और स्थिति की समीक्षा की।
विपक्षी पार्टियों खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की है।
अगरतला में एक जनजातीय पार्टी ‘इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (आईपीएफटी) ने मंगलवार को बिना किसी कारण नागरिकों और व्यापारियों पर हमला कर दिया था, जिसमें कम से कम 24 लोग घायल हो गए। घायलों में पांच पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।