लखनऊ, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर मची अंदरूनी कलह को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने गुरुवार को लखनऊ पहुंचकर सफाई दी। रामगोपाल ने माना कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी ने बड़ी गलती की। अखिलेश से खुद इस्तीफा दिलवाना चाहिए था।
यहां गुरुवार को वीवीआईपी गेस्ट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में रामगोपाल ने पिछले तीने दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रम पर सफाई दी।
रामगोपाल ने हालांकि इससे इनकार किया कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “पार्टी के भीतर इस तरह की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। महासचिव मैं हूं और मैं ही बैठकें बुलाता हूं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।”
सपा नेता ने कहा कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक चुनावों को लेकर या जब किसी को बाहर करना होता है, तब बुलाई जाती है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से गुरुवार को मुलाकात होगी और उसके बाद इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के बयान के बारे में रामगोपाल ने कहा, “मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि ज्यादातर फैसले उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के कहने पर लिए हैं और कुछ फैसले उन्होंने खुद भी लिए। देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते उनके पास यह अधिकार है कि वह खुद फैसले ले सकें।”
सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि शिवपाल यादव नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि वह मंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे। मीडिया जानबूझकर इस मुद्दे को तूल दे रहा है।
बाहरी दखल को लेकर पूछे गए एक सवाल पर रामगोपाल ने ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि उप्र में पिछले तीन दिनों से सियासी उठापटक का दौर जारी है। मुख्यमंत्री ने पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति व राजकिशोर सिंह को बर्खास्त किया और फिर अगले ही दिन उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव दीपक सिंघल की भी छुट्टी कर दी।
इससे नाराज मुलायम सिंह ने अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फरमान जारी कर दिया था। इस आदेश के बाद अखिलेश ने अपने चाचा और सूबे के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव का कद छोटा करते हुए उनसे सभी महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए।
अखिलेश के इस फैसले के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि शिवपाल सरकार से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन बुधवार को दिल्ली में मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद उनके सुर नरम पड़ गए और उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
शिवपाल ने कहा था कि संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मुलायम ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है, जिसे वह मजबूती से निभाएंगे।