सिडनी, 23 जनवरी (आईएएनएस)। पिछले 50 वर्षो में एलियन की खोज में कोई निर्णायक परिणाम नहीं निकला है, इसका कारण उन ग्रहों पर कम अवधि का जीवन है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन ग्रहों पर जीवन मुश्किल है, इसलिए उन पर विचरण करने वाले प्राणी जल्दी ही विलुप्त हो जाते हैं।
इस शोध समूह में शामिल आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के आदित्य चोपड़ा ने बताया, “यह ब्रह्मांड रहने योग्य कई ग्रहों से भरा है, इसलिए वैज्ञानिकों की धारणा है कि इन ग्रहों पर एलियन भी भरे होने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि तापमान में होने वाले लगातार परिवर्तन ने इन ग्रहों पर जीवन को अधिक समय तक पनपने ही नहीं दिया, जिसके कारण वहां पर जीवन का विकास नहीं हो पाया।”
उन्होंने बताया, “हाल के ग्रहों के पर्यावरण रहने योग्य वातावरण, जीवन निर्मित करने में अस्थिर हैं, क्योंकि जीवन के लिए ग्रीन हाउस गैसों को विनियमित करने की जरूरत है। पानी और कार्बन डाइऑक्साइड सतह के तापमान में स्थिरता लाने के लिए जरूरी होते हैं।”
हमारी पृथ्वी के चार करोड़ साल पहले शुक्र और मंगल शायद रहने योग्य थे, लेकिन इसके एक लाख साल बाद शुक्र गर्म और मंगल ठंडे ग्रहों में तब्दील हो गया।
इस अध्ययन के सह-लेखक चार्ली लीनवीवर ने बताया, “शुक्र और मंगल के तेजी से बदलते वातावरण में सूक्ष्म जीवन स्थिर रहने में विफल रहे हैं। वहीं पृथ्वी पर स्थिर तापमान ने जीवन के विकास में अहम भूमिका निभाई।”
यह अध्ययन ‘एस्ट्रोबायोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।