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 ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ को इंटरव्यू से परहेज (असरानी जन्मदिन) | dharmpath.com

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‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ को इंटरव्यू से परहेज (असरानी जन्मदिन)

December 31, 2016 7:00 pm by: Category: मनोरंजन Comments Off on ‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ को इंटरव्यू से परहेज (असरानी जन्मदिन) A+ / A-

%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80नई दिल्ली, 31 दिसंबर । हास्य अभिनेता असरानी में अपने अभिनय से किरदारों को जीवंत कर देने की गजब क्षमता है। उन्होंने अपने लगभग पांच दशक लंबे करियर में हास्य को एक अलग आयाम दिया है। चाहे वह ‘शोले’ में अंग्रेजों के जमाने का जेलर हो या फिर ‘चुपके-चुपके’ का प्रशांत किशोर श्रीवास्तव, उन्होंने अपने अभिनय को अमर बना दिया।

सन् 70 और 80 के दशक में फिल्मों में हास्य का तड़का लगाने के लिए निर्माता-निर्देशकों की जुबान पर सबसे पहले असरानी का नाम ही आता था।

असरानी का जन्म एक जनवरी, 1941 को जयपुर में एक सिंधी परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम गोवर्धन असरानी है, लेकिन फिल्मों में उन्हें असरानी नाम से पहचान मिली। बचपन से ही फिल्मों की ओर रुझान रहने की वजह से उन्होंने पढ़ाई के बाद 1963 में मुंबई का रुख किया और ऋषिकेश मुखर्जी और किशोर साहू के कहने पर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में दाखिला ले लिया।

असरानी ने 1967 में ‘हरे कांच की चूड़ियां’ं फिल्म से इंडस्ट्री में कदम रखा। हालांकि उन्हें पहचान मिली ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘सत्यकाम’ (1969) से। हास्य के बूते मिली कामयाबी का दौर जब शुरू हुआ तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने ‘आज की ताजा खबर’, ‘चुपके-चुपके’, ‘छोटी सी बात’, ‘रफू चक्कर’, ‘बालिका वधू’, ‘शोले’, ‘छलिया बाबू’, ‘रोटी’, ‘प्रेम नगर’, ‘फांसी’, ‘दिल्लगी’, ‘हीरालाल-पन्नालाल’, ‘पति पत्नि और वो’, ‘जो जीता वही सिकंदर’, ‘गर्दिश’, ‘बड़े मियां-छोटे मियां’, ‘हीरो हिंदुस्तानी’, ‘घरवाली-बाहरवाली’, ‘तकदीर वाला’ में जबरदस्त अभिनय किया है।

उन्होंने अभिनय के अलावा निर्देशन में भी हाथ आजमाया है, जिसमें ‘उड़ान’, ‘सलाम मेम साब’, ‘चला मुरारी हीरो बनने’ जैसी फिल्में शामिल हैं। गाने की बात करें तो असरानी ने ‘कोशिश’ और ‘तेरी मेहरबानी’ फिल्मों में गाना भी गाया है।

हालांकि, उन्हें असरानी को सफलता का स्वाद चखने के लिए कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। वह ऑल इंडिया रेडियो में बतौर वॉइस आर्टिस्ट के रूप में भी काम कर चुके हैं। ‘आज की ताजा खबर’ और ‘बालिका वधु’ में कॉमेडी के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। ‘आज की ताजा खबर’ में अभिनेत्री मंजू से उन्हें प्यार हो गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली।

कहा जाता है कि 1967 से 1969 के दौर में उन्हें हिंदी फिल्मे नहीं मिली तो उन्होंने कई गुजराती फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने हिंदी सहित गुजराती और पंजाबी फिल्मों भी काम किया है। उन्होंने अपने पांच दशक लंबे करियर में लगभग 400 फिल्में की हैं और उनके अभिनय का यह सिलसिला अब भी जारी है।

कहा जाता है कि राजेश खन्ना, असरानी से खासे प्रभावित थे और वह निर्देशकों से उन्हें फिल्म में लेने की सिफारिश भी करते थे। इसी का नतीजा है कि दोनों ने लगभग 25 फिल्में एक साथ की हैं।

असरानी ने फिल्मों के बारे में एक बार कहा था, “फिल्में भारतीय खाने की तरह होती हैं। जिस तरह भारतीय खाने में नमक, मिर्च मसाले का तालमेल होता है और इनमें से अगर किसी भी चीज की कमी रह जाए तो खाने का स्वाद फीका पड़ जाता है। ठीक वैसे ही बॉलीवुड में सिर्फ कॉमेडी के दम पर फिल्में नहीं बनतीं। कॉमेडी के साथ-साथ एक्शन और रोमांस की भी जरूरत पड़ती है।”

असरानी के बारे में कहा जाता है कि उन्हें इंटरव्यू देने से परहेज है और वह इससे बचते हैं। असरानी का मानना है, “अब फिल्मों में हास्य कलाकारों के लिए ज्यादा कुछ करने को नहीं रह गया है। पहले की फिल्मों में हास्य कलाकार हुआ करते थे, लेकिन आजकल तो फिल्में हॉलीवुड से उठा ली जाती हैं। फिल्म का हीरो ही सब कुछ कर लेता है।”

वह वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का दामन थामकर राजनीति में उतरे, लेकिन राजनीति के गलियारे में ज्यादा जम नहीं पाए। उन्हें गुजराती फिल्म ‘सात कैदी’ में अभिनय के लिए गुजरात सरकार ने सम्मानित भी किया है।

‘अंग्रेजों के जमाने के जेलर’ को इंटरव्यू से परहेज (असरानी जन्मदिन) Reviewed by on . नई दिल्ली, 31 दिसंबर । हास्य अभिनेता असरानी में अपने अभिनय से किरदारों को जीवंत कर देने की गजब क्षमता है। उन्होंने अपने लगभग पांच दशक लंबे करियर में हास्य को एक नई दिल्ली, 31 दिसंबर । हास्य अभिनेता असरानी में अपने अभिनय से किरदारों को जीवंत कर देने की गजब क्षमता है। उन्होंने अपने लगभग पांच दशक लंबे करियर में हास्य को एक Rating: 0
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