इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान में ईंधन की कमी से देशभर में आक्रोश है और इस संकट की वजह से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शीर्ष अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है।
विभिन्न समाचार पत्रों में बड़े शहरों में पेट्रोल पंपों पर हुईं झड़पों की खबरें प्रकाशित हुई हैं। वाहनों की कतार में खड़े लोगों को बताया गया कि पंप में ईंधन नहीं है।
डॉन में प्रकाशित खबरों के अनुसार, लाहौर, फैसलाबाद, इस्लामाबाद, सियालकोट और मुल्तान में कुछ खुले पेट्रोल पंपों के बाहर कई वाहन चालकों को रातभर कतारों में इंतजार करना पड़ा।
सऊदी अरब से शनिवार को वापस लौटने के बाद नवाज ने पेट्रोलियम सचिव आबिद सईद, उप सचिव नईम मलिक और पाकिस्तान स्टेट ऑयल प्रमुख अमजद जानजुआ को बर्खास्त कर दिया।
पेट्रोलियम मंत्री शाहिद खाकन अब्बासी को हालांकि, नवाज के साथ करीबी के कारण नहीं हटाया गया है।
समाचार पत्रों में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ने प्रांतीय सरकार को पेट्रोल की कालाबाजारी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। पेट्रोल की आपूर्ति और पहुंच बढ़ाने का फैसला किया गया है।
डेली टाइम्स के अनुसार, आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने बताया कि सरकार ईंधन संकट का अनुमान करने में नाकाम रही। उन्होंने बताया कि वह पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारों को देख कर शर्म महसूस कर रहे हैं।
यह संकट एक सप्ताह पहले शुरू हुआ है।
डेली टाइम्स के मुताबिक, “देश के कई इलाकों में अब तक लोगों को पेट्रोल की तलाश में एक पंप से दूसरे पंप तक भटकना पड़ रहा है। अगर पेट्रोल उपलब्ध भी है तो इसकी कीमत बहुत ऊंची है।”
अखबार के मुताबिक, “डीलर और पेट्रोल पंप मालिक सरकार द्वारा प्रभावी कदम न उठाने पर स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं।”
पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने कहा कि लाहौर में ईंधन की कमी को देखते हुए संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) पंप खोले जाएंगे।
समाचार पत्रों के अनुसार, पिछले छह दिनों से पेट्रोल पंप बंद पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को इस संकट की जांच के आदेश दिए हैं।
एक निराश व्यक्ति ने कहा, “भाई को तड़के तीन बजे अस्पताल ले जाना था। कार में पेट्रोल नहीं था। कुछ पेट्रोल के लिए गिड़गिड़ाया और अंतत: कुछ ब्लैक में मिल पाया।”
इधर, मुल्तान में नाराज लोगों ने प्रदर्शन किया।
डॉन के अनुसार, ईंधन की कमी के कारण आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सार्वजनिक परिवहन भी काफी प्रभावित हुआ है।
डॉन न्यूज के अनुसार, अर्थशास्त्री शाहिद हसन सिद्दिकी ने कहा कि इस संकट के लिए खराब शासन, अक्षमता और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।
ईंधन संकट के कारण विद्युत उत्पादन 2,000 मेगावाट तक गिर गया है, जिससे 7,000 मेगावाट विद्युत की कमी हो गई है।
डॉन के मुताबिक, कई विद्युत संयंत्रों में जल्द काम ठप होने की आशंका है।
विपक्ष के नेता इमरान खान ने इसको लेकर सरकार की आलोचना की है।
उन्होंने कहा, “यह सरकार पीपीपी से भी खराब है। पीपीपी के कार्यकाल में तेल की कीमत अभी से दोगुनी थी, लेकिन कभी भी इस तरह की तेल की कमी देखने को नहीं मिली।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।